Rumored Buzz on baglamukhi shabar mantra
Rumored Buzz on baglamukhi shabar mantra
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पीतासनां शव-गतां, घोर-हस्तां स्मिताननाम् । गदारि-रसनां हस्तां, मुद्गरायुध-धारिणीम् ।।
Inside our Indian Historical Sanatan Civilization, Sanskars and wisdom are required to remodel the human feelings and ideas of mankind and to create our life ideal, pure, prosperous and to guide mankind.
देवी बगलामुखी ब्रह्मांड की मां के सबसे शक्तिशाली रूपों में से एक हैं। बगलामुखी को उनकी असीमित क्षमताओं के कारण सद्गुणों की संरक्षक और सभी बुराईयों का नाश करने वाला माना जाता है।
बगलामुखी माला मंत्र के पाठ से बड़ी से बड़ी विपत्ति दूर हो जाती है। भयंकर से भयंकर गृह दोष भी इसके पाठ से दूर होता है। जिन लोगो की कुंडली में पितृ दोष, कालसर्प दोष अथवा अन्य कोई दोष है जिसकी वजह से आपके जीवन में कष्ट हैं तो आप बगलामुखी माला मंत्र का पाठ प्राण प्रतिष्टित हल्दी माला से करके अपने जीवन को कष्टों से मुक्त कर सकते हैं
कौलागमैक-संवेद्यां, सदा कौल-प्रियाम्बिकाम् ।
Baglamukhi is the 2nd mahavidya. There was a time when the entire creation/universe was in turmoil. Lord Brahma was in deep fret advert agony. He didn't look for a way to establish peace and restore the creation.
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शमशान भूमि पर दक्षिण दिशा की तरफ़ एक त्रिकोण बना कर त्रिकोण के मध्य में शत्रू का नाम उच्चारण करते हुए लोहे की कील ठोकने पर शत्रू को कष्ट प्राप्त होता है,
बगलामुखी मूल read more मंत्र का जाप कौन कर सकता है?
बालां सत्स्रेक-चञ्चलां मधु-मदां रक्तां जटा-जूटिनीम् ।। शत्रु-स्तम्भन-कारिणीं शशि-मुखीं पीताम्बरोद् भासिनीम् ।
आप चाहो तो मां के बीज मंत्र का भी जाप कर सकते है। बीज मंत्र- ॐ ह्लीं
फिर कन्या के हाथ में यथा शक्ति दक्षिणा रख कर उससे आशीर्वाद लेकर रात्रि में इस मंत्र का एक सौ आठ बार जप कर पुनः शत्रु को दंड देने हेतु प्रार्थना कर दे। सात दिन लगातार इस प्रयोग से माँ पीताम्बरा शत्रु को मृत्यु तुल्य दंड देती है, जैसा मैंने देखा है। प्राण प्रतिष्ठित बगलामुखी यन्त्र को सामने रखें और हल्दी माला से इस बगलामुखी का जप करें
सबसे पहले ये ध्यान रखें कि बगलामुखी माता की आराधना में सब कुछ पीला ही पीला होता है। अब इनकी आराधना करने के लिए सबसे पहले आप एक चौकी ले, चौकी पर पीला वस्त्र धारण कराएं, माता की तस्वीर ले और पीली चुनरी उनको चढ़ाएं। आप भी पीले वस्त्र धारण करें, पीला भोग लगाएं, हल्दी माला ले और पीले फूल भी ले।
चलत्-कनक-कुण्डलोल्लासित-चारु-गण्ड-स्थलां।